भारत में बेरोजगारी : आज की चुनौतियां

 बेरोजगारी आज एक आम शब्द है जो रोज कहीं ना कहीं सुनाई दे ही जाता है। फिर चाहे वह किसी नेता का भाषण हो, या कोई धरना।


बेरोजगारी शब्द से आशय है बिना रोजगार के व्यक्ति या रोजगार का पर्याप्त मात्रा में ना होना।  आज भारत प्रतिदिन नए आयाम रच रहा है फिर चाहे वह चंद्रयान मिशन  हो या फिर पानी के अंदर मेट्रो का संचालन हम किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है। भारत आज बदल रहा है और अपने देश के गौरव का प्रतिनिधित्व भी  संपूर्ण विश्व को करा रहा है। सत्या नडेला, सुंदर पिचाई ,कैलाश सत्यार्थी, अभिजीत बनर्जी, इंदिरा नूई इत्यादि हजारों महान लोगों ने देश ही नहीं विश्व में भी अपनी पहचान बनाई है।


                                           


लेकिन दूसरा पहलू काफी  दुर्भाग्यपूर्ण है कि  हमारे देश में बेरोजगारी दिनों दिन बढ़ती जा रही है। इस सच से हम पीछे नहीं हो सकते कि आज हम विश्व में बेरोजगारी के मामले में शीर्ष देशों में हमारी गिनती होती है। और इस समस्या से निपटने के लिए हमारे पास कोई ठोस रणनीति भी नहीं है। यह वादा हर चुनाव में खूब वोट बटोरता  है कि हम नए रोजगार लाएंगे और बेरोजगारी भत्ता देंगे। लेकिन चुनाव परिणाम के बाद कुछ भी साकार होता हुआ दिखाई नहीं देता है। गैर तलब है कि आज यह समस्या बढ़ती ही जा रही है। भारत सरकार ने 2018 सितंबर में एक रिपोर्ट  के अनुसार  123 मिलियन लोग  बेरोजगार हैं। यह आंकड़े दिनोदिन  बढ़ते ही जा रहे हैं बेरोजगारी की समस्या जटिल आवश्यक है किंतु इसका हल किया जा सकता है कामा क्योंकि कुछ समस्याएं ऐसी होती है ।जो स्वयं मनुष्यों के द्वारा उत्पन्न की जाती है और जिन्हें दूर भी मनुष्य ही कर सकते हैं। आर्थिक विकास हेतु उपलब्ध  संसाधनों का समुचित उपयोग किया जाए । तकनीकी एवं व्यवसायिक शिक्षा को शिक्षा का आधार बनाया जाए आवश्यकता इस बात की है कि इस समस्या को दूर करने के लिए हम सभी सरकार का सहयोग दें।


बेरोजगारी की समस्या के कारण कई हैं जिनमें जनसंख्या वृद्धि, महंगाई, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग, किताबी नॉलेज, रोजगार के पदों में कमी, शिक्षा का स्तर अच्छा ना होना, कंपटीशन  इत्यादि कई सारे कारण है जिसके परिणाम स्वरूप बेरोजगारी की समस्या काफी चिंतनीय है।  मनरेगा ,स्किल इंडिया ,मेक इन इंडिया ,स्टैंड उप  इंडिया इत्यादि स्कीमों से कुछ हद तक कोशिश करी गई है कि युवा बेहतर स्किल  से ट्रेनिंग के जरिए रोजगार के नए अवसर बना सके। सरकारी नए उद्योग या स्टार्टअप के लिए कई प्रकार की सब्सिडी देती है ताकि रोजगार के अवसरों को बढ़ाया जा सके।  परंतु देश की आबादी और इन स्कीमों का समन्वय  ना होने से इनका पूरा फायदा नहीं मिल पा रहा है।


भविष्य की रणनीति की बात करें तो जरूरी है कि शिक्षा के स्तर को बेहतर किया जा सके ताकि युवा स्वयं इतना सशक्त हो , ज्यादा से ज्यादा पदों पर नियुक्तियों, एक  सीमित लिमिट तक रोबोटिक्स का  उपयोग, महिलाओं का आरक्षण, अन्य अनुसूचित जाति जनजाति को भी  आरक्षण और एक विस्तृत ढांचा तैयार किया जा सके ताकि जिससे रोजगार के अवसर बड़े ।